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https://open.spotify.com/track/3sh5JlEbe6OjexEhms5NqV raat hamari toh

Lyrics: रतिया कारी कारी रतिया, रतिया अंधियारी रतिया रात हमारी तो चाँद की सहेली है कितने दिनो के बाद आई वो अकेली है चुप्पी की बिरहा है, झिंगूर का बाजे साथ

रात हमारी तो चाँद की सहेली है कितने दिनो के बाद आई वो अकेली है संझा की बाती भी कोई बुझा दे आज अंधेरे से जी भर के करनी है बाते आज अँधेरा रूठा है, अँधेरा ऐठा है, गुमसुम सा कोने में बैठा है

अंधेरा पागल है, कितना घनेरा है चुभता है, डसता है, फिर भी वो मेरा है उसकी ही गोदी में सर रख के सोना है उसकी ही बाहों में चुपके से रोना है आँखों से काजल बन बहता अंधेरा आज

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